पांच दिवसीय प्रवज्जा प्रशिक्षण व देवदह महोत्सव।
भगवान बुद्ध जिस वंश मे जन्मे थे उस वंश को कोलीय साक्य कहा जाता था जो अब कोली शाक्य के नाम से जाना जाता है मौर्य भी इसी वंश का उपवंश है और अवधी मे कोली कोरी होजाता है भाषा के कारण और सिंध मे कोल्ही और साउथ मे मुधीराजु मुथरियार हो जाता है जिन्होंने चोला पल्लव और पंडियनस को एक साथ हराया था और खेती भी सबसे पहले इसी वंश ने की थी और तन बिना भी इसी वंश ने भारत मे सबसे प्रथम बार शुरू किया था इसी वंश मे बुद्ध के बाद कई संत गुरु महात्मा वीर विरांगनाए और शहीद पैदा हुए और कई महान बुद्धि विवेक ईमानदार राजा जैसे की महाराज अंजन कोली महाराज महानाम शाक्य महाराज सुप्पाबुद्ध कोली चंद्रगुप्त मौर्य सम्राट अशोक जैसे कई महान चक्रवर्ति राजा भी दिए जिन्होंने धम्म को देश विदेश तक पहुंचाया और इसी वंश ने दुनिया के बुद्ध के प्रथम शिषय के रूप में कोली शाक्य वंश के राजकुमार दिए और इसी वंश के अंजन कोली की बेटी बुद्ध की माँ प्रजापति दुनिया की प्रथम महिला भिक्खूनी के रूप मे दिया बहुत महान और गोरवंतीत इतिहास है इन कोलीय साक्य वंशी कोली कोरी शाक्य मौर्य कोल्ही मुदिराजु ताँती आदियों का।
कृपया इस प्रोग्राम पे पहुँच कर कोलियों शाक्यो के बलिदान को गोरवंतीत करे।