Justice for shivam kori
देश को आज़ाद हुए 76 साल 11 महीने हो चुके हे फिर भी कोरी समाज पे हिन्दू ब्राह्मणो के अत्याचार रुकने का नाम ही नहीं ले रहे। बीते ३० जुलाई २०२४ को भारत के उत्तर प्रदेश जिला फतेहपुर गांव पंचमपुरवा जगदीशपुर में सामूहिक भंडारा हो रहा था, जिसमे टेंट का कार्य शिवम् कोरी के मालिक को सौंपा गया था, जिस कारण भंडारा के समापन होने पर मालिक के बताये निर्देश अनुसार शिवम् ने लाइट को उतारना शुरू ही किआ था जितने में आनंद तिवारी आए और शिवम् से लाइट को खुदके घर में देने को बोलने लगे जिसपे हर कर्मचारी की तरह शिवम् ने भी जवाब में टेंट मालिक से बात करने का अनुरोध आनंद तिवारी से विनम्रता पूर्वक किआ, जिसपे आनंद तिवारी ने भड़कते हुए गाली के रूप में अभद्र भाषा का दुरूपयोग करते हुए शिवम को भो,,, के तुम डीएम लगे हो जैसे अपशब्द बोले जिसपे शिवम् ने शांति पूर्वक गाली ना देने का अनुरोध किआ जिसपे आनंद तिवारी ने भड़कते हुए शिवम को थप्पड़ मारना शुरू कर दिया और पूड़ी शानने वाले झन्ना से लगातार ५ से ६ बार हमला किआ और प्लास छीनकर लगातार आदमखोर की तरह वार करता रहा इतने में भी इनकी ईगो ना शांत हुई जो इसके बाद आनंद तिवारी अपने साथियों के साथ भण्डारे में मारपीट करने के बाद पीड़ित को अपनी गाड़ी से देउरी लेकर गया। उसे देउरी में और मारा पीटा गया। लेजाकर उसके नाख़ून शरीर से नोच नोच के अलग कर दिए और सर पर गंभीर चोट आई हे साथ ही नाक की नली टूट गई हे और पाँव की कुज ऊँगली भी टूट गयी हे अब यदि आपको सोचने पर ही और दी गयी फोटो से ही इतना दर्द हो रहा हे तो सोचो जिस बचे पर यह तशदत अपराधियों द्वारा ढाई गई सोचो उसके लिए तो उस वक़्त जीना मरने जैसा हो चूका होगा पर फिर भी शिवम तिवारी और उनके साथिओ को तरस नहीं आया उल्टा जब जहानाबाद अस्पताल में लेकर जाने पे डॉक्टर ने पीड़ित की हालत घंभीर देख जिला हस्पताल फतेहपुर में रेफेर करने का कहा तब यह सुन आरोपी आनंद तिवारी इलाज कराने की जगह सजा से बचने के लिए शिवम को जिन्दा दफ़नाने के लिए देउरी गांव में JCB बुलवा जिन्दा दफ़नाने की बात काल पर अपने साथी को कहने लगा जिसकी पुष्टि जानकारी के रूप में शिवम ने परिवार को इलाज के दौरान थोड़ी सी होश आने पे बताया और परिवार ने कहा की यदि समय पर सुचना ना मिली होती और थोड़ा सा और लेट हो जाते तो शिवम को आनंद तिवारी ने जिन्दा ही माटी में दफना चुके होत। यहाँ से गंभीर हालत में उसको पुलीस ने जहानाबाद में मेडिकल कराया। इस तालिबानी घटना पर परिवार ने शिवम को न्याय दिलाने के लिए पुलिस प्रशासन का दरवाजा भी खटखटाया पर पुलिस प्रशासन ने परिवार की कोई मदद नहीं की उल्टा परिवार का कहना हे की पुलिस अपराधियों को बचा रही हे जिस लिए जो IPC की धाराएं लगनी चाहिए थी नहीं लगाई जा रही हे हालाँकि कोरी समाज के लोग पीड़ित परिवार के साथ मिलके पीड़ित को न्याय दिलाने के लिए लगातार कार्य कर रहे हे और लगातार परिवार को सहायता कर रहे हे और यदि पीड़ित को न्याय ना मिला तो कोरी समाज बहुजन समाज के साथ मिलके विशाल आंदोलन लिए धरना प्रदर्शन भी करेगा।kamal kori Tweet
It has been 76 years and 11 months since the country gained independence, yet the atrocities of Hindu Brahmins on the Kori community are not showing any signs of stopping. On 30th July 2024, a community feast was being held in Panchampurwa Jagdishpur village, Fatehpur district, Uttar Pradesh, India. The work of the tent was entrusted to Shivam Kori, the owner of the tent. After the completion of the feast, Shivam started taking down the lights as per the instructions of the owner. Anand Tiwari came and asked Shivam to give the lights to his house. Like every employee, Shivam also politely requested Anand Tiwari to talk to the tent owner. Anand Tiwari got angry and started abusing Shivam by using abusive language. He abused Shivam with words like 'you are DM'. Shivam calmly requested him not to abuse. Anand Tiwari got angry and started slapping Shivam and attacked Jhanna, who was selling Puri, 5 to 6 times continuously. He snatched the pliers and kept attacking him like a cannibal. Even then his ego did not calm down. After this, Anand Tiwari attacked Shivam with a knife. After assaulting the victim at the storehouse, Tiwari and his companions took him to Deuri in their car. He was further beaten up at Deuri. After taking him away, his nails were torn off from the body and he has a serious head injury, along with that his nasal passage is broken and some toes are also broken. Now if you are feeling so much pain just by thinking about it and the photo given, then think about the child on whom this torture was inflicted by the criminals, for him life must have been like death at that time, but even then Shivam Tiwari and his companions did not have any pity, on the contrary, when the victim was taken to Jehanabad hospital, the doctor seeing his condition serious asked to refer him to district hospital Fatehpur, then on hearing this, the accused Anand Tiwari, instead of getting him treated, to escape punishment, called a JCB in Deuri village to bury Shivam alive and started telling his companion on the call that he will bury him alive, which was confirmed by Shivam to his family when he regained consciousness during treatment and the family said that if the information was not received on time and they were a little more late, Anand Tiwari would have buried Shivam alive in the soil. From here, in a serious condition, the police got him medically examined in Jehanabad. The family knocked on the door of the police administration to get justice for Shivam after this Talibani incident, but the police administration did not help the family at all. On the contrary, the family says that the police is protecting the criminals, which is why the IPC sections that should have been applied are not being applied. However, the people of Kori samaj are continuously working with the victim's family to get justice for the victim and are constantly helping the family. And if the victim does not get justice, then the Kori samaj, along with the Bahujan samaj, will hold a massive protest and demonstration.
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